सबको नागराज का प्रणाम,
एक सरल, विनम्र स्वभाव के पुरुष
जो बस प्रेम देने की चेष्टा रखता है।
हर नारी, स्त्री, कुँवारीका हमारी आंखें और हृदय में पूजनीय है, उनके यौवन और श्रृंगार की सादगी में हम धन्यता पाते हैं।
काम ही हमारा ध्यान है, और सम्भोग ही हमारा योग।
कोई भी स्त्री, हमसे बात कर सकती है अगर वो हमें उचित समझती है तो,वार्ता लाप में हम, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते हैं।
किरदार निभाना, और कामुक कहानियों में रहना हमें बेहद पसंद है।
स्त्री को बिना स्पर्श किये, हम उन्हें चरम की ऐसी सीमा पर ले जाते हैं, जहां उन्हें अपनी स्त्री होने का एहसास और सुख दोनों का एहसास हो।
हमारी बस यही चेष्टा है कि, हमारे दरबार, और सहवास में आने वाली हर स्त्री और कुँवारीका परम संतुष्टि को अपने जोबन और आंखों में भर के जाए।
धन्यावद।